हिंदी व्याकरण Hindi Grammar

 



हिंदी व्याकरण

Hindi Grammar



व्याकरण:- भाषा, वर्ण, शब्द, पद, वाक्य, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, समुच्चय बोधक, विस्मय बोधक, वचन, लिंग, कारक पुरुुष, उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, छंद, समास, अलंकार, रस, श्रृंगार रस, विलोम शब्द, पर्यायवाची, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द।



हिंदी  व्याकरण हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी ‍नियमों का बोध कराने वाला शास्त्र है यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्वपूर्ण हिस्सा है  इसमें हिंदी सभी स्वरूपों का चार खण्डों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है। यथा वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि और वर्ण तथा शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी.  नियमों और वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न ‍ स्थितियों एवं छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिलपगत पक्ष पर  विचार किया गया है।



आधुनिक मानक हिंदी हिंदुस्तानी भाषा का मानकीकृत और संस्कृत कृत पाठ है अंग्रेजी भाषा के साथ देवनागिरी लिपि में लिखी गई हिंदी भारत की आ‍धिकारिक  भाषा है यह भारत गणराज्य की २२ अनुसूचित  भाषाओं में से एक है।



हिंदी भाषा का इतिहास और उत्पत्ति:



भाषा  मुख से उच्चारित होने वाले शब्दों  और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है किसी भाषा की सभी ध्वनियों के प्रतिनिधि स्वन एक व्यवस्‍था में मिलकर एक सम्पूर्ण भाषा की अवधारणा बनाते हैं व्यक्त नाद की वह समष्टि  जिसकी सहायता से किसी एक समाज या देश के लोग अपने मनोगत भाव तथा विचार एक दूसरे पर प्रकट करते हैं।



हिंदी व्याकरण का अधययन करने से पहले भाषा को जानना अतिआवश्यक होता है। 




दृष्टिकोण



तीन प्रकार से आवश्यकता- जिज्ञासा, अनुकरण, अभ्यास 



व्यक्ति में भाषा विकास क्रम-



भाषा कौशल- सुनना, बोलना, पढना, लिखना



भाषा के प्रकार मौखिक भाषा- बोलकर सुनकर



लिखित भाषा- लिखकर, पढकर 



पत्र,पत्रिकांए, समाचार



सांकेतिक भाषा  संकेत के रूपों में व्यक्त  करते हैं।



सरल भाषा - मौखिक भाषा



कठिन भाषा-सांकेतिक भाषा



हिंदी भाषा का विकास - संस्कृत भाषा-  मूल भाषा



वैदिक- वेद/उपनिषद्



लौकिक -रामायण/महाभारत



लौकिक पाली भाषा- बौद्ध धर्म- त्रिपटक



प्राकृत भाषा -जैन धर्म अपभ्रंश भाषा-


शौरशैनी अपभ्रंशं भाषा हिंदी भाषा



संवैधानिक दर्जा-  अनुसूची 8 में 22 भाषाऐं



राजभाषा - भाग-17  अनु़. 343 से 351



वर्ण विचार- सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण को तीन भागों में बांटकर पढ़ते 1- वर्ण विचार 2- शब्द विचार 3- वाक्य विचार



व्याकरण के अंग 1- वर्ण 2-शब्द 3-वाक्य 



वर्ण विचार वर्णों का शुद्ध लेखन,  शुद्ध उच्चारण व शुद्ध प्रयोग का ज्ञान प्रदान करने वाली पुस्तक वर्ण विचार कहलाता है।



ध्वनि - भाषा  की सबसे छोटी "मौखिक इकाई" ध्वनि है।



वर्ण- भाषा की सबसे छोटी मौखिक इकाई ध्वनि का लिखित रूप ही वर्ण कहलाता है।


भाषा की सबसे छोटी मौखिक इकाई=ध्वनि


व लिखित इकाई वर्ण है।


भाषा की सबसे बड़ी इकाई वाक्य है।



वर्ण के प्रकार-


स्वर स्वतंत्र व्यंजन स्वतंत्र नहीं।



स्वर- वे वर्ण जिन्हें बोलते समय अन्य वर्ण की सहायता नहीं ली जाती है ।



व्यंजन- वे वर्ण जो स्वतंत्र उच्चारित नहीं होते अर्थात इन्हें बोलने के लिए अन्य वर्ण की सहायता ली जाती है।



अ्क्षर - वे सभी स्वर ध्वनियां जो बिना बनावट के बोली जाती हैं।





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